Monday, May 23, 2011

एक दिन दिल की ये..
दौलत भी चली जाएगी.
जाते जाते प्यार की..
आदत भी चली जाएगी.

जब कभी वक़्त मिले..
सोच भर लेना मुझको.
ऐसे तो दोस्ती की..
रवायत भी चली जाएगी.

मेरी इन आँखों में ये..
अपना अक्स रहने दे.
वरना इन आँखों की..
शराफत भी चली जाएगी.

अभी न मिल तू मगर..
आके कभी मिल लेना.
कहाँ क़यामत की..
ये रात भी चली जाएगी.

अब तो तू देर न कर..
बनके दुल्हन बैठ भी जा.
ख्वाम्खां लौट के ये..
बारात भी चली जाएगी.

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