हसरत....शौक-ऐ-दीदार था,
सो कर लिया।
अपनी आँखों में,
खुदा को भर लिया।
क्यूँ अपनी मौत का,
इंतजार करूँ।
तुमपे मरना था,
मैं तो मर लिया।
तेरी नादान ज़ुल्फ़,
देखी तो।
दो घड़ी छांव में,
ठहर लिया।
वो तो अब,
खुशमिजाज लगता है।
तेरी बातों ने,
क्या असर किया।
आपके कमेंट्स का इंतजार रहेगा। धन्यवाद.
No comments:
Post a Comment